तालाब यादों का

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तालाब  भर गया,  हाँ वही तालाब जिसके किनारे बैठ कर मैं तुम्हें लिखा करतीं थीं,  कभी कभी लिखते लिखते बारिश हो जाया करती थी,  इतने खत अपने पास जमा कर लिए ...

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